Saturday, May 1, 2010

आज कर दी हद जो वो आये नहीं
उनके ये तेवर हमें भाये नहीं
मेरे आंसू देख कर शरमा गए
बादलों ने मेघ बरसाए नहीं

2 comments:

  1. आपकी रचनाएँ कुछ अलग कुछ ख़ास है, बहुत कम शब्द हैं लेकिन गहरी बात है! वाह, क्या बात है !

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